श्री चंद्रप्रभु जी अर्घ | Shree Chandraprabhu ji Argh
सजि आठों दरब पुनीत, आठों अंग नमौं ।
पूजौं अष्टम जिन मीत, अष्टम अवनि गमौं ।।
श्री चंद्रनाथ दुति चंद, चरनन चंद लसै ।
मन वच तन जजत अमंद-आतम-जोति जगे ।
ॐ ह्रीं श्रीचन्द्रप्रभ जिनेन्द्राय अनर्घ्यपदप्राप्तये-अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा
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श्री चंद्रप्रभु जी अर्घ | Shree Chandraprabhu ji Argh
Reviewed by Prashant Jain
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10:49:00
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