Prashant Jain
08:08:00
लोक शिखर के वासी है प्रभु, तीर्थंकर सुपार्श्व जिनराज ।। नयन द्वार को खोल खडे हैं, आओ विराजो हे जगनाथ ।। सुन्दर नगर वारानसी स्थि...
Jain Bhajan Lyrics - Shree Suparshvanath Chalisa | श्री सुपार्श्वनाथ चालीसा
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